Wednesday, December 25, 2013

खाना जो मजा दे सजा नहीं

खाना जो मजा दे सजा नहीं

प्राकृतिक भोजन

हर रोज सामने आ रहीं मिलावटी खाने और पर्यावरण परिवर्तन की खबरों के बीच कई लोग अब शाकाहारी जीवन की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि इसका सिर्फ यही उपाय नहीं है. लेकिन जैसा कि तस्वीर में दिख रहा है, इस तरह के सवच्छ और प्राकृतिक वातावरण में पशुओं को पाला जाना आज के समय में मुश्किल ही जान पड़ता है. 


शाकाहारी व्यंजन

सत्तर और अस्सी के दशक में शुद्ध शाकाहारी खाने जिनमें अंडे का इस्तेमाल भी नहीं होता था, ज्यादा चलन में नहीं थे. लेकिन इन दिनों बहुत कुछ बदल रहा है. जोनथन साफरन फोर की 2009 में आई किताब 'ईटिंग एनिमल्स' ने कई ऐसे तरह के मांस का जिक्र किया जिसे लोग पसंद करते हैं. बर्लिन के रस्तरां 'पेल-मेल' की इस तस्वीर में कुछ रोचक व्यंजन


स्कैनर से परखें अपना खाना

खाने पर असमंजस हो तो जेब से एक स्कैनर निकालिए, उसे स्मार्टफोन से जोड़ दीजिए. रमण स्पेक्ट्रोमीटर की मदद से बना स्कैनर तुरंत बताने लगेगा कि खाने में कितनी कैलोरी, कितना केमिकल या किस तरह के एलर्जिक तत्व हैं. 


     कनाडा के गणितज्ञ स्टीफन वाटसन की मदद से रिसर्चरों ने ऐसा स्कैनर तैयार किया है जो किसी भी खाने में पोषक तत्व, रसायन, कैलोरी और एलर्जिक तत्वों की जानकारी देगा. टोरंटो में तैयार इस स्कैनर को 'टेलस्पेक' नाम दिया गया है.

रिसर्चरों के मुताबिक अगर किसी व्यंजन की कैलोरी पता करनी हो तो टेलस्पेक खाने में छुपे शुगर और वसा का हिसाब लगाता है. स्कैनर में छोटा सा रमण स्पेक्ट्रोमीटर लगा है. इसकी मदद से यह फटाफट गणित के जटिल समीकरण सुलझाने लगता है और खाने में छुपी चीजों का पता लगा लेता है.

खाने को ऊपर से स्कैन करते ही हल्की लेजर किरण निकलती है. खाने से लेजर बीम के टकराते ही स्कैनर आंकड़े जमा करने लगता है. स्कैनर से आंकड़े सीधे स्मार्टफोन में टेलस्पेक के डाटाबेस में जाते हैं और आकलन कर नतीजों का पता देते हैं.

     रिसचर्रों का दावा है कि इस स्कैनर की मदद से खाने की जांच करना इतना ही आसान हो जाएगा जितना रोज ईमेल चेक करना. परीक्षण के दौरान स्कैनर ने 97.7 फीसदी की सटीकता से तमाम तरह के खाने के तत्वों का विश्लेषण किया.

डाटाबेस में शुरुआती तौर पर 3,000 किस्म के खाने से जुड़ी जानकारियां हैं. गणितज्ञ वाटसन के साथ मिलकर स्कैनर बनाने वाली कंपनी टेलस्पेक का कहना है कि आम तौर पर खाना कई चीजों के मिश्रण से बनाया जाता है, जिसमें कुछ मूलभूत चीजें जरूर होती हैं. इस लिहाज से उनका स्कैनर ज्यादातर चीजों को पकड़ सकता है

         स्कैनर बनाने वालों को उम्मीद है कि अगस्त 2014 तक उनका उपकरण बाजार में आ जाएगा. इससे शुगर और दिल के मरीजों को खासा आराम मिल सकेगा. साथ ही फिटनेस के शौकीन लोग भी खाना मुंह में डालने से पहले उसकी जांच कर सकेंगे.

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