Saturday, October 3, 2015

दिन में नींद का क्या काम?

सुबह के 11 बजते-बजते अगर आपको भी नींद घेर लेती है तो इसकी वजह सिर्फ रात में ठीक से नींद न आना नहीं, कुछ और भी है। अगर हम पौष्टिक खाएं और सेहतमंद नींद लें, तो भला दिन में नींद का क्या काम? दिन में उबासी लेने और नींद के झोंकों से खुद को कैसे बचाएं, बता रही हैं रुचि गुप्ता
ऑफिस में काम करते हुए अभी दो घंटे भी नहीं हुए कि आंखें बोझिल होने लगीं और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। मन तो ऐसा होने लगता है जैसे मानो कई जन्मों की नींद अभी पूरी करनी हो। ये अब किसी खास दिन की नहीं, रोज की बात हो गई है। और ये कहानी मेरी अकेले की नहीं है, बल्कि आज हर उस महिला की है जो घर और दफ्तर दोनों जगह बराबर ड्य़ूटी कर रही है। दफ्तर में बॉस के आदेश और घर में पति और बच्चों की जरूरतों को पूरा करते-करते उनके पास अपने लिए सुकून के कुछ पल भी नहीं बचे। अगर आप भी इस समस्या से रू-ब-रू हो रही हैं तो यह आपके लिए भी एक अलार्म है।
सबसे पहले तो हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि दिन में नींद आने का मुख्य क्या कारण है-रात में नींद का न आना या ठीक तरह से नींद पूरी न होना? एक आदमी के लिए दिन में औसतन 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है। इसके अलावा हमारा सोने से पहले भारी भोजन या नशे या दिन भर में बड़ी मात्रा में कॉफी और चाय लेना भी हमारी रातों की नींद को उड़ाने के कारण हैं।
अब जब हमें अपनी समस्या के कारणों का पता लग गया है तो निश्चित तौर पर हमें अपना अगला कदम भी उठाना चाहिए। मतलब यह है कि अब हमें ‘क्या करें और क्या न करें’ जैसे अपने प्रश्नों पर भी विराम लगाना होगा और इन्हें अमल में लाना होगा।
क्या करें और क्या न करें:
शारीरिक स्तर पर: सबसे पहले तो रात में एक अच्छी नींद ले सकें हमें इसका प्रयास करना होगा। अच्छी नींद का मतलब है 7 से 8 घंटे की नींद। इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें एक सप्ताह में औसतन 5 दिन और हर दिन लगभग 30 से 45 मिनट के लिए व्यायाम करना चाहिए। इसमें वॉक यानी पैदल सैर करना, योगा, कार्डियो और साइकलिंग के अलावा दूसरे व्यायाम शामिल हैं। आप चाहें तो अपनी इच्छानुसार दो दिन वॉक, दो दिन योगा और एक दिन हैवी एक्सरसाइज जैसे रूटीन अपना सकती हैं।
मानसिक स्तर पर: अपने दिमाग को शांत करने के लिए नींद से अच्छा कोई तरीका नहीं। साथ ही रात में सोने से पहले खुद को मोबाइल, लैपटॉप या किसी अन्य प्रकार के गैजेट से दूर रखें। इससे सोने से पहले आपका दिमाग शांत बना रहेगा। इसके अलावा ऑफिस में दिन के समय आप प्रोत्साहित करने वाले कामों को भी कर सकते हैं, यानी सेल्फ रिवॉर्ड सिस्टम। आप अपने लिए रोज एक व्यावहारिक लक्ष्य रखें और उसे पूरा करने पर खुद को पुरस्कृत भी करें। फिर भले पुरस्कार के रूप में आप खुद को एक फिल्म दिखाएं या आइसक्रीम दें।
अक्‍सर हम दफ्तर के किसी एक खास काम को करने पर बोरियत महसूस करते हैं, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने कामों को अपनी इच्छानुसार करें। जैसे पेपर्स के दिनों में कुछ बच्चे अपना आसान पाठ्य़क्रम, तो कुछ बच्चे मुश्किल भाग को पहले तरजीह देते हैं, ठीक उसी तरह हमें भी दफ्तर के काम को अपने अनुसार तरजीह देनी चाहिए। अगर आप एक जन संपर्क अधिकारी हैं और सुबह में लोगों से संपर्क कर, दोपहर में अपना बैक ऑफिस का काम निपटाना चाहते हैं तो आप ऐसा ही करिए। इससे आपको मानसिक स्तर पर तनाव से मुक्ति मिलेगी और आपका दिमाग बेहतर तरीके से किसी भी काम को पूरा कर सकेगा।
इसके अलावा लंबे समय के लिए किसी एक खास काम को नहीं करना चाहिए। आप अपने दिमाग और शरीर दोनों को आराम देने के लिए हर एकाध घंटे में दो मिनट का ब्रेक ले सकते हैं। ऐसे में आप वॉक या हल्के व्यायाम जैसे कंधों और कमर को दोनों दिशाओं में घुमाना कर सकते हैं। या फिर आप किसी मनोरंजक सामग्री जैसे कि वेबसाइट या पत्रिका को पढ़ सकते हैं।
भोजन के स्तर पर: सही मात्रा में और सही पोषक तत्वों वाला भोजन करें। एक बात का खास ख्याल रखें कि रात को सोने से पहले भारी भोजन न करें और जहां तक हो सके सोने से दो घंटे पहले भोजन खा लें। अक्सर देखा गया है कि जो लोग दिन के समय में 5 कप या उससे अधिक मात्रा में कॉफी या चाय पीते हैं, उन्हें भी रात में ठीक से नींद न आने की समस्या होती है। इसीलिए बेहतर रहेगा कि आप रात को ठीक से सोने और दिन में जागने के लिए कॉफी और चाय का भी अधिक सेवन न करें। इसके अलावा सिगरेट या शराब पीने वालों को भी नींद न आने की बीमारी होने लगती है, ऐसे में अगर आप इनमें से किसी भी नशे का सेवन करती हैं तो आज ही उससे तौबा कर लें। अपनी पूरी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएंगी, तभी अच्छी नींद आएगी और नींद से जुड़ी समस्याएं दूर रहेंगी।

No comments:

Post a Comment