मधुमेह रोगी भी खा सकते हैं आलू-चावल
वाराणसी। अमूमन मधुमेह रोगियों को चावल खाने पर मनाही होती है। क्योंकि चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट की मात्रा मधुमेह रोगियों के लिए खतरनाक होती है। लेकिन अब मधुमेह रोगी भी चावल खा सकते हैं। बशर्ते कि चावल को आयुर्वेदिक रीति से पकाया जाए। बीएचयू आयुर्वेद संकाय में रस शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. आनंद चौधरी बताते हैं कि आचार्य चरक, सुश्रुत और सारंगधर ने चावल पकाने की तीन विधियों, मंड, पेया और विलोपी के बारे में बताया है। मंड विधि ही मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। इस विधि से पके चावल का सेवन करने से रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस विधि से चावल पकाने के लिए पतीली में चावल और उसकी मात्र से 14 गुना पानी डाल दें। सूखी अदरक और स्वादानुसार सेंधा नमक मिला दें। उसके पक जाने के बाद पानी को चावल से अलग कर दें। यही चावल मधुमेह रोगियों को दिया जा सकता है। पानी भी फेंकने के बजाए स्वस्थ लोगों को दिया जाना चाहिए। इससे तनाव, अनिद्रा व भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है। इस द्रव को देसी भाषा में माड़ कहा जाता है। डा. चौधरी कहते हैं कि मधुमेह रोगी आलू का भी सेवन कर सकते हैं। इसमें भी कुछ आयुर्वेदिक उपक्रम करने होंगे। आलू को पहले उबाल लें। उबले आलू का सेवन एक दिन बाद करें। इससे उसका ग्लाइसेनिक लेवल कम अर्थात लगभग आलू शुगर फ्री हो जाता है।
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