Friday, November 29, 2013

सर्दियों में स्वस्थ रहने के सूत्र

सर्दियों को स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अनुकूल मौसम माना जाता है। इस सीजन में पाचन शक्ति काफी मजबूत रहती है, भूख बढ़ती है, संक्रमण फैलाने वाले वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं तथा व्यक्ति तुलनात्मक रुप से अधिक स्वस्थ रहता हैं लेकिन सर्दियां हृदय, अस्थमा, जोड़-हड्डी तथा एलर्जी के रोगियों के लिये कई चुनौतियां पैदा करती है जिनका इस मौसम में खास ध्यान रखने की जरुरत होती है। सर्दियों में रक्त धमनियां सिकुड़नें के कारण सर्वाधिक हृदयघात होते हैं। सर्दी को सबसे अधिक स्वास्थ्यकारी मौसम कहा जाता है। पश्‍चिमी देशों के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के पीछे वहां का ठण्डा मौसम तथा सुखद तापमान जिम्मेवार है। हमारी कुछ लापरवाही के कारण ही इस मौसम में रोग घेरता है। यहां सर्दियों में स्वस्थ रहने के सात नुस्खे दिये जा रहे है जिनका अनुसरण कर शरद ऋतु का पर्याप्त आनन्द लिया जा सकता है।

वार्म ड्रेसअप : इस मौसम में कभी सर्दी कम तो कभी ज्यादा होती है। इस लिये कपड़े पहनने में लापरवाही न कर॓ं। सर्दी कम रहने पर भी गर्म कपड़े से परहेज न कर॓ं। सिर, हाथ तथा पैरों को कवर करने का खास ख्याल रखें क्योंकि शरीर में ठण्ड का प्रकोप सबसे पहले सिर, पैर, नाक,छाती व कान से शुरू होता है।

गरम भोजन व पेय : भारतीय परम्पराओं व रीति रिवाजों में मौसम के हिसाब से खान-पान निर्देशित है। सर्दियों में शीतल पेय, आइसक्रीम, दही की लस्सी आदि ठण्डे पदार्थों को सेवन पूरी तरह से त्यागना चाहिए। इसके स्थान पर कॉफी, दूध, छाछ, सूप, हलवा आदि ऊर्जावान खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन कर॓ं।

लहसुन एक औषधीय पदार्थ है जिसके प्रयोग से छोटी-बड़ी बीमारी में लाभ होता है। लहसुन का नियमित सेवन हृदय व एलर्जी के रोगियों के लिये अमृत समान लाभकारी है। लहसुन में पाया जाने वाला सल्फाइड्स रक्‍तचाप कम करने में मदद करता है। लहसून वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिये भी ऊर्जा प्रदान करता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण इन्फे क्शन से लड़ने में मदद करते हैं। यह सर्दी, जुकाम और क फ समस्या का कारगर इलाज है। यह एक चमत्कारिक गुणों वाली औषधी है। सर्दियों में मेथी दाने का नियमित इस्तेमाल अस्थमा, गठिया, एसिडिटी, कफ आदि की कारगर औषधी है। मेथी रक्त ग्लूकाेज और कॉलेस्ट्रॉल क ी मात्रा काे नियंत्रित क रती है। डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारक माना गया है।

मदिरा से परहेज : कुछ लोग सर्दी से बचने के लिये मदिरा का सहारा लेते हैं लेकिन ध्यान रखें कि मदिरा पी कर कभी भी बाहर नहीं घूमना चाहिए। मदिरा से शरीर में गरमाहट आती है परन्तु खुलें में घूमने शरीर का तापमान असामान्य हो सकता है जो किसी बड़े स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

नियमति शरीर की सफाई : सर्दियों में लोग नहाने से बचते हैं। पानी से दूरी बनाये रखते हैं। जबकि इस मौसम में गुनगुने पानी से हर दिन स्नान करना चाहिए। इससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। सार्दियों में शरीर की उपरी त्वचा का तापमान ठण्डा व अन्दरुनी गरम रहता है। सर्दियों में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती है। स्नान से त्वचा चेतन होती है तथा बैक्टीरियाें से मुक्ति मिलती है। गर्म पानी में तुलसी के पत्ते, अजवायन, मेथी आदि पका कर स्नान करने से त्वचा खुष्क व मुरझाती नहीं हैं।

खुली हवा से बचें : सर्दियों की हवा में नमी का प्रवाह रहता है। ठण्डी हवा के संपर्क में आने से छाती का जल कफ के रुप में जम जाता है। इससे छाती, गले तथा नाशिका में संक्रमण फैलता है। जिसे जुकाम व नजला कहते हैं। इसके कारण बुखार, निमोनिया तथा ख्ंाासी हो जाती है। इससे बचने के लिसे जरुरी है कि खुली हवा के सम्पर्क में आने से जितना बचा जाये उतना ही अच्छा है।

व्यायाम कर॓, चुस्त रहे : सर्दियों में निष्क्रियता सबसे खतरनाक होती है। इस मौसम में खूब शारीरिक परिश्रम करना चाहिए तथा नियमित व्यायाम करें। इससे शरीर की रोगप्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास होता है तथा वातावरण में फैले बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति मिलती है। सर्दियों में अधिकांश लोग घरों के अन्दर दुबक कर बैठे रहते हैं जिससे उनको भोजन पचाने में कठिनाई हो सकती है। यही नहीं इस मौसम में सर्वाधिक गरि‌ष्ट पदार्थाें का सेवन किया जाता है जिसके कारण पेट बाहर आ जाता है। इस मौसम में जितना अधिक गरि‌ष्ट भोजन किया जाता है उसे पचाने के लिये उतना ही शारीरिक परिश्रम करने की जरुरत होती है। इस लिये स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है, खूब परिश्रम कर॓ं।

धूप का भरपूर आनन्द लें : सर्दियों की धूप वैसे भी काफी सुहावनी लगती है। धूप से विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जो त्वचा के लिये सबसे अनुकूल आहार है। धूप से सुस्त पड़ी त्वचा को ऊर्जावान आहार मिलता है। इस लिये सुबह उगते सूर्य की किरणों का भरपूर आनन्द लेना नहीं भूलें। इससे जहां मन को सुकून मिलता है वहीं शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। इससे रोगप्रतिरोधात्मक शक्ति  बढ़ती है। सर्दियों में अधिक समय तक अंधेर॓ में नहीं रहना चाहिए। इससे हमारा इम्यून सिस्टम बिगड़ सकता है। सर्दियों में पानी खूब पीना चाहिए। यह शरीर के लिये शोधक के रुप में काम करता है। इससे अंदरुनी सफाई हो जाती है।

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